Tuesday, November 23, 2010

ठंड ने दाँत बजवाये

कल पूरे दिन बादलों में छुपे सूर्य भगवान और यहाँ तहाँ फैले काले बादलों ऩे जहां नगर वासियों को दांत कंपकंपाऩे पर मजबूर कर दिया वहीं विवाह शादी वाले घरों को भी अनचाही बरसात  से बचने के इंतजामात करने को बाध्य किया | सुबह से ही आसमान बादलों से अटा रहा। सुबह मामूली बूंदाबांदी से पारे में थोड़ी गिरावट आई, लेकिन दोपहर बाद को बर्फानी हवाएं चलने से पारा एकदम नीचे लुढ़क गया। बूंदाबांदी से शहर की सड़कें तरबतर हो गई। 22 व 23 नवम्बर का अच्छा सावा होने की वजह से शादी विवाह वाले घरों में भी लोग बारिश से बचने के लिए सलाह मशवरा करते नजर आये | पारा गिरने से सर्दी की चमक बढ़ने के साथ ही लोग घरों में दुबक गए, जो लोग सुबह बिना ऊनी कपड़े पहने निकले, उन्हें सर्दी का प्रकोप झेलना पड़ा। बाजारों में शाम ढलने के साथ ही सन्नाटा पसरना शुरू हो गया है।दुकानदार सर्दी के कारण जल्द ही दुकानें बढ़ा कर घरों को कूच कर जाते हैं। सुबह आठ बजे बाद तक बाजार में यातायात दिखाई नहीं देता।

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