Wednesday, September 22, 2010

अविरल बरसात से दाह संस्कार भी रुके

गजल की मानिंद समूचे शेखावाटी की प्यासी धरती पर ऊपर वाले ने रहमत बरसाई तो रेत के टीले भी हरियाली में खो गए | खेती पालने वाले किसान से लेकर हर आम-औ-ख़ास बारिश से बाग़-बाग़ हो गया | अब जरुरत से ज्यादा बरसात होती रही तो चिड़ियों के लिए दाना और बच्चों को गुड धानी देने के लिए फसल कैसे बच पायेगी, मंगलवार को पानी में डूबे खेत को देख कर बार बार आसमान की तरफ आँखें गडाए किसानों के दिल में यही दर्द उठ रहा था | खेतों में खडा अनाज तो सारा भीग ही चुका है, अगर बारिश इसी तरह जारी रही तो चारा और कड़बी भी नष्ट हो जायेंगे | लगातार बरसती बारिश ने क्षण भर के लिए भी रुकने का नाम नहीं लिया जिससे दाह संस्कार के लिए शवयात्राएं ले जाने हेतु भी परिजन प्रतीक्षारत रहे आखिर में शाम को तेज बारिश में ही शव यात्राएं श्मशान भूमि पहुँची एवं जैसे तैसे दाह संस्कार का कार्य आधा अधूरा निपटाया | 

आम तौर पर शेखावाटी के लिए आसमान से बरसती बूंदें सुनहरे भविष्य की उम्मीद के रूप में देखी जाती हैं। लेकिन, इस बार ये बूंदें देखते ही देखते राहत से आफत में बदलती गईं। इस बार मौसम की मेहरबानी का जश्न परवान पर पहुंचने ही वाला था कि इसी पानी ने इस उत्सव पर पानी फेर दिया। चिंता की लकीरें चेहरे के सुकून को नोंचती जा रही है | मंगलवार को हुई बरसात स्कूली बच्चों के लिए मुसीबत बनकर आई। सुबह परिजनों ने बच्चों को जैसे-तैसे स्कूल तो भेज दिया, लेकिन दोपहर तक बारिश का दौर नहीं थमने पर परिजनों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी। स्कूलों के बाहर छुट्टी के बाद हाथ में छतरी लिए परिजनों की लम्बी कतार लगी रही। छुट्टी के बाद कई बच्चें बारिश में भीगते हुए घर पहुंचे। वहीं कई स्कूली वाहन भी जाम में फंस गए। 

जन का जीवन अस्त-व्यस्त हुआ ही, धरती में किसान के खून पसीने से उगा सोना भी मिट्टी बनता जा रहा है । बरसात में अस्त-व्यस्त हुआ शहर हर हाल में अपने हाल पर है । शहर से बाहर जाने के सभी रास्ते लगभग बंद हो चुके हैं और सब कुछ ऊपर वाले पर छोड़ दिया गया है | इधर, इन सबके बीच व्यवस्थाओं की कमान थामने वाली नगरपालिका का लवाजमा जनता को अपने हाल पर छोड़ हाथ पर हाथ धरे दफ्तरों में बैठा है | बारिश से उपजी आमजन की पीड़ा को समझने वाला कोई नहीं है |

समूचे शेखावाटी  में भी कमोबेश हालात ऐसे ही हैं । अंचल में भारी बरसात से किसानों की खुशियों पर तो बहुत पहले ही ग्रहण लग चुका है। अब मौसम बीमारियों की चिंता लोगों को सताने लगी है। हल्की गुलाबी ठंड के अहसास के साथ बारिश का दौर शुरू हो जाने से अब मौसमी बीमारियों का दौर शुरू हो जाएगा।

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