Tuesday, October 12, 2010

शिक्षक नहीं, गुरु चाहिए

बावड़ी गेट दुर्गा पूजा महोत्सव में चल रही संगीतमय रामकथा में कथावाचक रामायणी ने कहा कि गुरु बिना ज्ञान नहीं मिलता। सच्चा गुरु ही सही मार्ग बताकर ईश्वर से मिलाता है। जिसके जीवन में गुरु नहीं, उसका जीवन अधूरा है। उन्होंने सनातन गुरुकुल शिक्षा प्रणाली और आधुनिक शिक्षा पद्धति में विभेद करते हुए कहा कि गुरुकुल में गुरु बालकों को शिक्षा देते समय नैतिक चरित्र के विकास व व्यावहारिक ज्ञान पर बल देते थे, जबकि आधुनिक शिक्षा प्रणाली में मात्र किताबी ज्ञान दिया जाता है। इसमें संस्कार व चरित्र का कोई स्थान नहीं। 

रामायणी ने आज के दौर में शिक्षक और विद्यार्थी दोनों के गिरते चरित्र पर चिंता जताते हुए कहा कि आज गुरु नहीं, शिक्षक मिलते हैं। गुरुकुल नहीं छात्रावास मिलते हैं। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया वे विद्यार्थियों को अच्छे संस्कार दें। कथा के दौरान पूर्व पालिका उपाध्यक्ष रक्षपाल पारीक व रामावतार जोशी द्वारा कथावाचक रामायणी का सम्मान किया गया। कथा के दौरान भगवान राम के बालरूप की सुंदर झांकी सजाई गई।

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