Thursday, April 5, 2012

मंत्री की बैठक में विधायकों ने ली अफसरों की क्लास

जिले के प्रभारी व चिकित्सा मंत्री एमामुद्दीन अहमद खान उर्फ दुर्रू मियां की फतेहपुर में डेढ़ घंटे तक चली जिला स्तरीय बैठक में बिजली व पानी पर एक बार फिर हंगामा हुआ। एक घंटे तक जनप्रतिनिधि विभागों के अधिकारियों से सवाल का जवाब मांगते रहे लेकिन अधिकारी चुप थे। बिजली सप्लाई में शहर व गांव में भेदभाव करने के मामले पर विधायक बिजली निगम अधिकारियों पर बरस पड़े। पानी पर भी हंगामा बरपा। विधायकों को यहां तक कहना पड़ गया कि सरकार पैसा दे रही है लेकिन आप सरकार को डूबोने में लगे हो।

बैठक शुरू होते ही विधायक गोविंदसिंह डोटासरा ने बिजली का प्रश्न उठाते हुए कहा कि शहरों में बिजली कटौती दो घंटे होती है और गांवों में 12 घंटे। यह कौनसा कानून है? डोटासरा ने तो यहां तक कह दिया कि बैठक आगे तभी बढ़ेगी जब अधिकारी जवाब देंगे। विधायक एसई के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। जिसके बाद खुद प्रभारी मंत्री ने निगम एमडी पीएस जाट को फोन लगाकर जवाब मांगा। इसके बाद तय हुआ कि गांवों में दोपहर 12 से तीन बजे तक बिजली दी जाएगी।

विधायक भंवरु खां भी बिजली के मामले में अधिकारियों को घेरने से नहीं चूके। बोल पड़े कि फतेहपुर से सौतले व्यवहार हो रहा है। अधिकारी जनता से सही व्यवहार नहीं करते। मेरा मोबाइल तक रिसीव नहीं करते। विधायक ने प्रभारी मंत्री से मुखातिब होते हुए यह तक कह पड़े कि अधिकारी मेरी शालीनता का नाजायज फायदा नहीं उठाएं।

बाद में प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों को इसके लिए सख्त हिदायत दी। इसके बाद पानी के मुद्दे पर हंगामा हुआ। विधायक डोटासरा ने कहा कि गांवों में ट्यूबवैल खुदे पड़े हैं। बिजली कनेक्शन नहीं हो रहे और जनता पानी-पानी कर रही है। हैरानी यह भी बताई कि कनेक्शन हो गए तो चालू ही नहीं हो रहे। लक्ष्मणगढ़ में ही 50 से अधिक टयूबवैल बिना कनेक्शन के पड़े हैं तो पूरे जिले में क्या हालात होंगे? विधायक पानी पर आगबबूला हो गए और कह पड़े कि सरकार पैसे दे रही है। फिर भी अधिकारी सरकार को डूबोने में लगे है।

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