Monday, November 17, 2014

सूरत में छायी फतेहपुर की छटा

फतेहपुर के आराध्य देव श्री लक्ष्मीनाथ जी के अन्नकूट महोत्सव में सारा सूरत कल फतेहपुरमयी हो गया। श्री लक्ष्मीनाथ सेवा समिति, सूरत के तत्वाधान में आयोजित इस समारोह  वासियों ने पुराने किस्सों व भजनों का ऐसा रंग जमाया की हर कोई मंत्र मुग्ध हो गया। आयोजन में फतेहपुर के श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर में स्थित मूर्ति की प्रतिकृति तैयार कर भगवन का आलोकिक श्रृंगार किया गया। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि मंदिर के ही पुजारियों ने ही सूरत आकर श्रृंगार किया। फतेहपुर से चरणामृत और प्रसाद मंगवाया गया। फतेहपुर के ही वक्ता, गायक और रसोइए बुलाकर बाबा की मनुहार की गयी। दोपहर ३ बजे मंदिर की 450 साल पुरानी भोग की आरती से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। बाबा को भोग लगाने के बाद कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया। सुरभि बिर्जूका ने गणेश वन्दना से कार्यक्रम की शुरुआत की। समाज के 20 वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान किया गया। फतेहपुर से बुलाये अंकित बूबना ने फतेहपुर का 525 साल पुराना इतिहास बताया और लक्ष्मीनाथ जी की 475 साल पुरानी कहानी बतायी। उन्होंने मंदिर के चमत्कारों की घटनायें बताकर श्रोताओं को दाँतों  तले ऊँगली दबाने पर मजबूर कर दिया। मात्र तीन दिन पहले सूरत में घटित लक्ष्मीनाथ जी के चमत्कार पर सभी श्रोता चमत्कृत हो गए । श्री योगेश जुनेजा ने भजनो की प्रस्तुतियाँ देकर सभी भक्तो की तालियां बटोरी । अंत में फतेहपुर से आये भजन गायक गिरीश भोजक व महेंद्र बोचीवाल न अपनी मखमली आवाज का जादू बिखेरा और बाबा के सभी भक्तों को नाचने पर विवश कर दिया । समिति ने बताया कि ये सूरत में इस प्रकार का प्रथम आयोजन है जिसमे २००० से अधिक भक्तो ने भगवान के अलौकिक श्रृंगार के दर्शन कर प्रसाद ग्रहण किया उन्होंने  यह भी बताया  श्री लक्ष्मीनाथ सेवा समिति १९९२२ से सूरत में निस्वार्थ सेवा कार्य संपादित कर रही है । कार्यक्रम की अपार सफलता से समिति के कार्यकर्ता अत्यंत उत्साहित नजर आये और कहा  कि अब से यह कार्यक्रम प्रति वर्ष  आयोजित करने की कोशिश की जाएगी । 

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