कस्बे में नववर्ष का आगाज़ ठिठुरते बदन और कंपकंपाते दांतों के साथ हुआ | जिलेभर में चल रहे बारिश, बादलवाई, कोहरे और कड़ाके की सर्दी के दौर ऩे पिचले दो दिनों में और भी जोर पकड़ा है । बदन को चीरने वाली सर्द हवाओं और गलन का अहसास करवाने वाली सर्दी ने आदमी के साथ पशुओं की भी बुरी गत बना दी है । विशेष रूप से सड़कों पर घूमते बेसहारा पशुओं की हालत बेहद दयनीय हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में सर्दी का असर अत्यधिक है। कई गांवों में सुबह-सवेरे ओस की बूंदें बर्फ में तब्दील होती दिखाई देती हैं | पूरे दिन नश्तर चुभोती बर्फानी हवाओं के आगे सर्दी से बचाव के सभी इंतजाम बौने पड़ने लगे हैं। हालांकि अभी पारा जमाव बिन्दू पर नहीं पहुंचा, लेकिन वातावरण में सर्द हवाओं के कारण गलन बढ़ गई है। मौसम विभाग के अनुसार दो-तीन दिन बाद तापमापी के पारे में गिरावट आएगी। इससे अचंलवासियों को हाथ-पैरों को सुन्न कर देने वाली सर्दी का सामना करना पड़ सकता है।
लगातार गिरते पारे और भयंकर कोहरे को दरकिनार कर लोगों ने अपने अपने अंदाज में जश्न मनाकर गत वर्ष को विदाई दी तथा नववर्ष का अभिनंदन किया। एसएमएस से लोगों द्वारा बधाई संदेश देने के कारण विभिन्न मोबाइल कंपनियों के सर्वर जाम रहे। विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थियों ने रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देकर नववर्ष का स्वागत किया।
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