राज्य सरकार ने प्लास्टिक कैरी बैग्स प्रतिबंध कानून को एक अगस्त से सख्त रूप से लागू किया था। शुरू में कैरी बैग्स इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार कलेक्टर व मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी को दिया गया। बाद में पर्यावरण मंत्रालय ने एसडीएम स्तर के अधिकारियों को भी अधिकार दिए। आरंभिक समय में इसका असर भी दिखा। नियमानुसार जो भी कैरी बैग्स का उत्पादन, भंडारण या इस्तेमाल करता है उस पर एक लाख रुपए जुर्माना एवं पांच साल की कैद का प्रावधान है। |
प्लास्टिक कैरी बैग्स प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए गुप्त सूचना के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल की छापेमार कार्रवाई औपचारिकता तक सिमट गई है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पिछले माह क्षेत्रीय अधिकारियों को जनवरी के पहले सप्ताह में सख्त कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए थे, लेकिन उन्होंने एक दो जगह कार्रवाई के साथ ही इति श्री कर ली। कार्रवाई भी नोटिस तक सीमित रही। क्षेत्रीय अधिकारी के अधीन सीकर के साथ झुंझुनूं व चूरू जिले भी आते हैं, लेकिन ऐसा कोई शहर, कस्बा या गांव नहीं, जहां कैरी बैग्स प्रतिबंध कानून का किसी में ख़ौफ़ हो। अधिकारी कहते हैं कि राजस्थान में उत्पादन पर पूरी तरह रोक लग चुकी है, लेकिन व्यापारी दिल्ली, हरियाणा आदि से कैरी बैग्स ला रहे हैं। यानी कि सब कुछ जानते हुए भी अधिकारी बाहर से आयात होते कैरी बैग्स को रोकने में सफल नहीं हो रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी केसी गुप्ता का कहना है कि कार्रवाई में तेजी लाई जाएगी। |
Saturday, January 29, 2011
औपचारिक हुआ कैरी बैग्स प्रतिबंध
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