Tuesday, October 19, 2010

भागवत कथा का आनंद उठाया


श्री बुधगिरी जी की मढी में चल रहे शरद पूर्णिमा महोत्सव में श्रीमद भागवद कथा के दौरान संत श्री ज्ञानान्द जी ऩे कहा क़ि मनुष्य को जीवन में सदैव अच्छा कार्य करना चाहिए | उन्होंने राजा परीक्षित द्वारा अभिमान में ऋषि का अपमान करने की कथा सुनाते हुए कहा क़ि जो व्यक्ति संतों, महा पुरुषों, गुरु, माता-पिता का अनादर करता है, उसे आखिरकार अपने किये का परिणाम भोगना ही पड़ता है | अतः जीवन में अभिमान, अहंकार, द्वेष इत्यादि से दूर रहकर अपने कर्त्तव्य की पालना करनी चाहिए | कथा के सभी प्रसंग भाव विभोर कर देने वाले थे | मढी पर श्री गुलाब यति जी महाराज एवं श्री दिनेश गिरी जी के सान्निध्य में संकीर्तन का भी आयोजन हुआ जिसका भक्त जन आनंद उठा रहे थे |   

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