ड्रम की ताल, अणत की झंकार और बांसुरी की स्वर लहरियां। भारत माता के गगनभेदी जयकारे और जगह-जगह पुष्प वर्षा। यह नजारा रहा रविवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 86वें स्थापना दिवस के पथ संचलन के मौके पर।
संचलन में कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ते स्वयंसेवक मानो यही संदेश दे रहे हो कि "संगठन गढ़े चलो सुपथ पर बढ़े चलो... भला हो जिसमें देश का वह काम तुम किए चलो...। गढ़ में एकत्रीकरण के बाद घोष की धुन पर भारत माता के जयकारों के साथ स्वयंसेवकों ने संचलन शुरू किया। यहां से कदम बढ़ाते स्वयंसेवक नगर के सभी प्रमुख मार्गों से होते हुए पुन: गढ़ पहुंचे। संचलन मार्ग पर लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। इससे पूर्व समारोह के प्रारम्भ में स्वयंसेवकों ने ध्वज प्रणाम कर राष्ट्र की अखण्डता और सेवा के लिए प्रार्थना कर शस्त्र पूजन किया।
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