श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर में चल रहे सार्वजनिक रासलीला समारोह में राजा हरीशचंद्र की कथा का जीवंत चित्रण किया गया। कथा के माध्यम से संदेश दिया गया कि सत्य एवं धर्म पर चलने वाले व्यक्ति के सामने सांसारिक बाधाएं अवश्य आती हैं, परंतु जो कठिनाइयों के बाद भी सत्य और धर्म पर अटल रहता है, वह कालजयी और अमर बन जाता है। राजा हरीशचंद्र ऋषि विश्वामित्र द्वारा अनेकानेक परीक्षाओं के बाद भी विचलित नहीं हुए और अमर हो गए। आज देश को ऐसे ही लोगों की आवश्यकता है। कथा के दौरान चांडाल बने राजा हरीशचंद्र द्वारा अपने पुत्र की मृत्यु पर उसके दाह संस्कार से पहले अपनी पत्नी से शुल्क मांगने के प्रसंग पर श्रोता द्रवित हो गए। पिछले कुछ वर्षों से मंदिर सभागार में प्रति वर्ष सार्वजनिक रामलीला व रासलीला समिति द्वारा यह आयोजन कराया जा रहा है | कार्यक्रम के लिए ब्रज के कलाकारों की टोलियाँ बुलाई जाती है | सुन्दर आयोजन के लिए समिति बढ़ाई की पात्र है |
Tuesday, October 5, 2010
रासलीला महोत्सव की धूम
श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर में चल रहे सार्वजनिक रासलीला समारोह में राजा हरीशचंद्र की कथा का जीवंत चित्रण किया गया। कथा के माध्यम से संदेश दिया गया कि सत्य एवं धर्म पर चलने वाले व्यक्ति के सामने सांसारिक बाधाएं अवश्य आती हैं, परंतु जो कठिनाइयों के बाद भी सत्य और धर्म पर अटल रहता है, वह कालजयी और अमर बन जाता है। राजा हरीशचंद्र ऋषि विश्वामित्र द्वारा अनेकानेक परीक्षाओं के बाद भी विचलित नहीं हुए और अमर हो गए। आज देश को ऐसे ही लोगों की आवश्यकता है। कथा के दौरान चांडाल बने राजा हरीशचंद्र द्वारा अपने पुत्र की मृत्यु पर उसके दाह संस्कार से पहले अपनी पत्नी से शुल्क मांगने के प्रसंग पर श्रोता द्रवित हो गए। पिछले कुछ वर्षों से मंदिर सभागार में प्रति वर्ष सार्वजनिक रामलीला व रासलीला समिति द्वारा यह आयोजन कराया जा रहा है | कार्यक्रम के लिए ब्रज के कलाकारों की टोलियाँ बुलाई जाती है | सुन्दर आयोजन के लिए समिति बढ़ाई की पात्र है |
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Ankit bhai please add some more photos of our beautiful city fatehpur; and add more news about city and give some more exposer to the fatehpur's life style and changing scenario...
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