फतेहपुरकी बैजनाथ की ढाणी की बेटी प्रियंका मील का इसरो में चयन हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने उन्हें कंप्यूटर वैज्ञानिक के तौर पर नियुक्ति का ऑफर दिया है। प्रियंका फिलहाल तेलंगाना में इंजीनियरिंग कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उनकी नियुक्ति से गांव में खुशी की लहर है।
प्रियंका ने बताया कि उन्होंने 19 अक्टूबर को इसरो में वैज्ञानिक के लिए इंटरव्यू दिया था। अब उनको वहां से नियुक्ति का ऑफर मिल गया है। 18 जनवरी तक उनको इसरो में ज्वाइन करना है। प्रियंका के पिता निरंजन सिंह मील भी सिविल इंजीनियर हैं। उनकी मां सरिता देवी रामसीसर के गांव के राजकीय स्कूल में अध्यापिका हैं।
प्रियंकाने दसवीं कक्षा में राजस्थान बोर्ड की मैरिट में पहला स्थान प्राप्त किया था। खास बात यह थी कि वे सीकर के मारू स्कूल में पढ़ाई कर रही थी और सरकारी स्कूल में पढ़ते हुए ही मैरिट हासिल की थी। सीकर से ही उन्होंने 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद आईआईआईटी ग्वालियर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। बाद में उनका तेलंगाना में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन हो गया। प्रियंका का कहना है कि कड़ी मेहनत और लगन के कारण वे इस मुकाम तक पहुंची हैं। इसरो में भी वे इसी मेहनत से काम करेगी।
प्रियंका ने बताया कि उन्होंने 19 अक्टूबर को इसरो में वैज्ञानिक के लिए इंटरव्यू दिया था। अब उनको वहां से नियुक्ति का ऑफर मिल गया है। 18 जनवरी तक उनको इसरो में ज्वाइन करना है। प्रियंका के पिता निरंजन सिंह मील भी सिविल इंजीनियर हैं। उनकी मां सरिता देवी रामसीसर के गांव के राजकीय स्कूल में अध्यापिका हैं।
प्रियंकाने दसवीं कक्षा में राजस्थान बोर्ड की मैरिट में पहला स्थान प्राप्त किया था। खास बात यह थी कि वे सीकर के मारू स्कूल में पढ़ाई कर रही थी और सरकारी स्कूल में पढ़ते हुए ही मैरिट हासिल की थी। सीकर से ही उन्होंने 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद आईआईआईटी ग्वालियर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। बाद में उनका तेलंगाना में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन हो गया। प्रियंका का कहना है कि कड़ी मेहनत और लगन के कारण वे इस मुकाम तक पहुंची हैं। इसरो में भी वे इसी मेहनत से काम करेगी।
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