कस्बेके हेरिटेज विकास के लिए डॉक्युमेंट्री फिल्म बनाई जाएगी। इससे आम आदमी को यहां की पुरासंपदा के महत्व का पता लगेगा तथा भावी पीढ़ी को यहां के गौरवमयी अतीत की जानकारी होगी। यह कहना है यहां के युवा फिल्म प्रोड्यूसर राधेश्याम पीपलवा का। पीपलवा ने बुधवार को कस्बे की ऐेतिहासिक नवाबी बावड़ी पर आमजन द्वारा चलाए जा रहे सफाई अभियान का निरीक्षण किया तथा अपने साथियों संजय जोशी, प्रतीक आदि के साथ श्रमदान किया। उन्होंने श्रमदान करने वाले मारुति स्कूल के विद्यार्थियों एवं युवाओं को संदेश दिया कि वे अपने पुरामहत्व की संपदाओं को बचाने के लिए आगे आएं। एसडीएम पुष्करराज शर्मा से भी हेरिटेज संरक्षण पर चर्चा की तथा इन्हें बचाने में लिए किए जा रहे राजकीय प्रयासों की जानकारी ली।
विशेष बातचीत में पीपलवा ने कहा कि शेखावाटी में विशालकाय हवेलियों में समाहित अद्भुत भित्तिचित्रों के अलावा लोकसंगीत और लोक नृत्य का असाधारण खजाना है, परंतु इसे समुचित स्थान नहीं मिल सका। शेखावाटी और राजस्थानी के अनेक गानों को नामचीन और बड़े हिंदी फिल्म निर्माताओं ने अपनी फिल्मों में स्थान दिया और वे हिट भी हुए, लेकिन आम लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि स्थानीय लोगों में अपनी पुराऐतिहासिक संपदा और लोक संगीत, लोक नृत्य आदि के अनमोल खजाने के प्रति रुचि नहीं है। इस कारण यह संपदा लुप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि वे अपनी डॉक्युमेंट्री फिल्म में फतेहपुर के अलावा लक्ष्मणगढ़, रामगढ़, मंडावा, नवलगढ़ सहित शेखावाटी क्षेत्र के प्रमुख हवेलियों, छतरियों, जोहड़े, बावड़ी, कुएं आदि पर फिल्मांकन करेंगे। इस संबंध में सीएमओ सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारियों से उनकी वार्ता हो चुकी है।
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