आपातकालीन परिस्थितियों में एक बार फिर कस्बे के राजकीय धानुका अस्पताल की अव्यवस्थाओं की पोल खुल गई। कस्बे में करंट लगने से रविवार शाम दो व्यक्ति घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि रोडवेज बस पर चौकीदार का कार्य करने वाला भंवरसिंह निवासी कारंगा छोटा त्रिभुवन बालिका विद्यालय के सामने की दुकानों से होकर जा रहा था। वहां बरसात का पानी भरा होने के कारण वह विज्ञापन के लिए लगाया गया लोहे का होर्डिंग पकड़कर जाने का प्रयास करने लगा तो करंट की चपेट में आ गया। माना जा रहा है कि होर्डिंग दीवार पर लगे मीटर से छू रहा था और उसमें करंट आ गया। थोड़ी देर तक भंवरसिंह होर्डिंग से चिपका रहा। यह देखकर सामने अपनी दुकान पर बैठा शंकरलाल भंवरसिंह को बचाने आया तो वह भी चपेट में आ गया। आसपास के दुकानदारों ने पुलिस और बिजली निगम में सूचना देकर लाइन कटवाई और दोनों को बचाया। धानुका अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को छुट्टी दे दे गई।
करंट के कारण पूरे शहर की बिजली सप्लाई बंद कर दी गई। उसी समय दोनों घायलों का अस्पताल में उपचार हो रहा था, लेकिन अस्पताल के जनरेटर में तेल नहीं होने के कारण वह काम नहीं कर सका। वहां मौजूद लोगों ने इस पर आक्रोश भी जताया। तहसीलदार ने सीएमएचो और अस्पताल प्रभारी डा. निर्मला खीचड से जनरेटर में तेल की तुरंत व्यवस्था करने को कहा।
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