नगर में गुरुवार को शीतलाष्टमी पर्व परंपरागत तरीके से मनाया गया। महिलाओं ने मंगल गीतों के साथ माता को ठंडे पकवानों का भोग लगाकर पूजा-अर्चना की। सेडळ माता से ठंडी नजर रखने की कामना की। महिलाएंसुबह से ही थालियो में ठंडे व्यंजन राबड़ी, पुआ, पकोड़ी, दही आदि सजाकर शीतला माता मंदिर में पहुंच रही थी। लोगों ने उन पर ठंडी नजर रखने तथा परिवार की सुख-समृद्धि की मन्नत मांगी। इसी परंपरा के तहत महिलाओं ने कुम्हार के घर के पास ही कहानी सुनी। वहीं कस्बे में होली के दूसरे दिन से शुरू हुए गौरी पूजन के सिलसिले में गुरुवार को शीतलाष्टमी से गणगौर पूजने वाली महिलाएं युवतियां कुम्हार के घर से पक्की गणगौर एवं घडूल्या मंगल गीतों के साथ लेकर आई। इस मौके पर शीतला माता के मंदिरों एवं घर-घर में माता की पूजा की गई। माता के चावल, राबड़ी, अंकुरित बाजरा का भोग लगाकर ठंडा प्रसाद ग्रहण किया। महिलाओं ने बास्योड़ा की कहानी सुनी।
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