सरकार ने बुधवार सुबह गुटखे पर पाबंद का ऎलान किया, वैसे ही आम आदमी ने सरकार के इस कदम का तहेदिल से स्वागत किया। लाखों की जिन्दगी तबाह करने वाले इस जहर की पाबंदी का समाचार सुनकर लोगों ने खुशी जाहिर की। आमजन ही नहीं धर्म गुरूओं ने भी सरकार के इस कदम को सराहनीय बताया। राज्य सरकार द्वारा गुटखे पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के बाद कस्बे में गुटखा कारोबारियों के एक ही दिन में वारे न्यारे हो गए। व्यापारियों को राज्य में गुटखा बन्द के निर्णय की जैसे ही जानकारी मिली व्यापारियों ने कालाबाजारी शुरू कर दी। व्यापारियों ने तीन गुना से अधिक दर पर गुटखा बेचा। कस्बे में गुटखा के थोक व्यापारियों ने एक ही दिन में दस से पन्द्रह लाख रूपए का कारोबार कर लिया। कीमत को लेकर कई जगह उपभोक्ताओं की खुदरा व थोक विक्रेताओं के साथ बहस भी हुई। एक या दो रूपए के गुटखा की कीमत तीन व पांच रूपए में वसूली गई।
रोक के बावजूद सीकर शहर के कई गली-मोहल्लों में थड़ी व दुकानों के सामने गुटखे के पाउच टंगे हुए मिले। पाबंदी का फायदा उठाते हुए दुकानदारों ने एक रूपए में मिलने वाले गुटखे को तीन से चार रूपए में बेचा। इधर गुटखे के शौकीनों का सुबह से गुटखा खरीदने के लिए दुकानों पर जुटना शुरू हो गया। कुछ लोगों ने तीन से पांच सौ तक पुडिया एक साथ खरीद ली। ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानों में गुटखा खुलेआम बिकता दिखाई दिया।
रोक के बावजूद सीकर शहर के कई गली-मोहल्लों में थड़ी व दुकानों के सामने गुटखे के पाउच टंगे हुए मिले। पाबंदी का फायदा उठाते हुए दुकानदारों ने एक रूपए में मिलने वाले गुटखे को तीन से चार रूपए में बेचा। इधर गुटखे के शौकीनों का सुबह से गुटखा खरीदने के लिए दुकानों पर जुटना शुरू हो गया। कुछ लोगों ने तीन से पांच सौ तक पुडिया एक साथ खरीद ली। ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानों में गुटखा खुलेआम बिकता दिखाई दिया।
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