चमडिय़ा
कालेज खेल मैदान पर सोमवार को बाबा जयगुरुदेव के प्रवचन हुए। इस दौरान बाबा
ने श्रद्धालुओं को नाम दीक्षा भी दी। उन्होंने कहा कि धन, दौलत से मनुष्य
को मुक्ति नहीं मिलती। सच्चा सुख तो प्रभु के दर्शन और ज्ञान से मिलता है।
इसलिए मनुष्य को सद्कर्म करते रहना चाहिए, क्योकि ईश्वर की ओर से आपके
कर्मों का लेखा-जोखा रखा जा रहा है। बाबा ने कहा कि मृत्यु के बाद शरीर का
जलना तो एक सांसारिक रस्म है, सच में जीवात्मा अमर है। अत: जीव के कल्याण
में लगो। प्रभु को पाना है तो मन की आंखें खोलो। अंतर्मन के निर्मल होने से
ही प्रभु की प्राप्ति संभव है। बाबा ने श्रद्धालुओं को नाम दीक्षा देते
हुए ध्यान का अभ्यास कराया। प्रवचन के दौरान चमडिय़ा कालेज खेल मैदान में
बना पांडाल श्रद्धालुओं से अटा रहा। प्रवचन के बाद बाबा जयगुरुदेव सुजानगढ़
के लिए रवाना हो गए।
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