बुधवारको विवाह का अंतिम मुहूर्त होने के कारण कस्बे में शादियों की भरमार रही। 15 जुलाई से देवों के सो जाने पर चार महीनों तक शादियां नहीं होगी। अब देवउठनी एकादशी 11 नवंबर को विवाह का पहला मुहूर्त होगा। बुधवार को अंतिम सावा होने के कारण कस्बे में शादियों की बहुतायत होने से लोग एक शादी में शरीक होकर दूसरी में जाने की जल्दी में रहेे।
No comments:
Post a Comment