एचएच65 के
लिए भूमि अधिग्रहण की एवज में आए किसानों के 13 करोड़ प्रशासन ने अटका रखे
हैं। नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने डेढ़ महीने पहले ही प्रशासन के खाते
में पैसे जमा करवा दिए थे। किसानों को भुगतान नहीं करने के कारण रोड का काम
अटका हुआ है। इसके अलावा किसानों को नुकसान भी हो रहा है।
एनएच 65 को टू लेन करने का प्रोजेक्ट चल रहा है। इसके तहत फतेहपुर से चूरू जिले की सीमा तक रोड को दोनों तरफ चौड़ा किया जाना है। रोड चौड़ी करने के लिए फतेहपुर से चूरू जिले की सीमा के बीच कई किसानों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है। एनएचएआई ने इसके लिए जमीन का सीमांकन कर लिया और जो जमीन अधिग्रहित की जानी है उसके मुआवजे के 13 करोड़ रुपए भी करीब डेढ़ महीने पहले फतेहपुर एसडीएम के खाते में जमा करवा दिए। अब यह पैसा सीधे किसानों के खाते में जाना है। इसके लिए प्रशासन को सिर्फ किसानों की जमाबंदी खातेदारी के आधार पर किसानों को पैसा देना है। गांवके कई लोगों का पैसा अटका हुआ है। हम लोग लगातार प्रशासनिक अिधकािरयों से मिल रहे हैं। समझ में नहीं रहा है जब एनएचएआई ने रुपए दे दिए तो हमें क्यों नही मिल रहे। फतेहपुरसे चूरू सीमा के बीच रोड बनाने वाली कंपनी ने पेड़ कटाई का काम शुरू किया था। किसानों ने यह कहते हुए मना कर दिया कि अभी तक उनको मुआवजा नहीं दिया गया है। इस कारण रोड का काम भी अटका हुआ है। देवास, रुक नसर, फदनपुरा , रामगढ़, सहित कई गांवों के किसान मुआवजे के लिए प्रशासन के चक्कर लगा चुके हैं। किसानोंके पांच से 20 लाख रुपए तक अटके हुए हैं। पैसा देने में हुई एक महीने की देरी के कारण ही हर किसान को ब्याज के तौर पर 10 से 40 हजार तक का नुकसान हो रहा है। सैकड़ों किसान इससे प्रभावित हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि पैसा समय पर मिले इसके लिए प्रशासन से कई बार मांग की जा चुकी है।इसमामले में फतेहपुर एसडीएम राकेश गढ़वाल का कहना है कि एनएचएआई की तरफ से मुआवजे के 13 करोड़ रुपए गए हैं। अभी नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बाद ही पैसों का भुगतान हो पाएगा।
एनएच 65 को टू लेन करने का प्रोजेक्ट चल रहा है। इसके तहत फतेहपुर से चूरू जिले की सीमा तक रोड को दोनों तरफ चौड़ा किया जाना है। रोड चौड़ी करने के लिए फतेहपुर से चूरू जिले की सीमा के बीच कई किसानों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है। एनएचएआई ने इसके लिए जमीन का सीमांकन कर लिया और जो जमीन अधिग्रहित की जानी है उसके मुआवजे के 13 करोड़ रुपए भी करीब डेढ़ महीने पहले फतेहपुर एसडीएम के खाते में जमा करवा दिए। अब यह पैसा सीधे किसानों के खाते में जाना है। इसके लिए प्रशासन को सिर्फ किसानों की जमाबंदी खातेदारी के आधार पर किसानों को पैसा देना है। गांवके कई लोगों का पैसा अटका हुआ है। हम लोग लगातार प्रशासनिक अिधकािरयों से मिल रहे हैं। समझ में नहीं रहा है जब एनएचएआई ने रुपए दे दिए तो हमें क्यों नही मिल रहे। फतेहपुरसे चूरू सीमा के बीच रोड बनाने वाली कंपनी ने पेड़ कटाई का काम शुरू किया था। किसानों ने यह कहते हुए मना कर दिया कि अभी तक उनको मुआवजा नहीं दिया गया है। इस कारण रोड का काम भी अटका हुआ है। देवास, रुक नसर, फदनपुरा , रामगढ़, सहित कई गांवों के किसान मुआवजे के लिए प्रशासन के चक्कर लगा चुके हैं। किसानोंके पांच से 20 लाख रुपए तक अटके हुए हैं। पैसा देने में हुई एक महीने की देरी के कारण ही हर किसान को ब्याज के तौर पर 10 से 40 हजार तक का नुकसान हो रहा है। सैकड़ों किसान इससे प्रभावित हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि पैसा समय पर मिले इसके लिए प्रशासन से कई बार मांग की जा चुकी है।इसमामले में फतेहपुर एसडीएम राकेश गढ़वाल का कहना है कि एनएचएआई की तरफ से मुआवजे के 13 करोड़ रुपए गए हैं। अभी नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बाद ही पैसों का भुगतान हो पाएगा।
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