श्रीनाथ आश्रम चुवास में
चल रहे सात दिवसीय 108 कुंडीय महायज्ञ का मंगलवार को समापन हुआ। कथा वाचिका चित्रलेखा ने सभी प्रकार
के नशे को विनाश का कारण बताते हुए कहा कि मनुष्य को व्यसन से मुक्त रहना
चाहिए। उन्होंने श्रद्धालुओं से भागवत कथा की दक्षिणा मांगते हुए कहा कि वे
आज प्रण करके जाए कि वे किसी भी तरह का व्यसन नहीं करेंगे।
श्रीकृष्ण-सुदामा की कथा सुनाते हुए मित्रता को सर्वोपरि मानते हुए
श्रीकृष्ण ने सुदामा को सबकुछ दे भी दिया ओर इसका एहसास भी नहीं होने दिया।
आज सच्चे मित्रों की बेहद कमी है। कथा के पश्चात वृंदावन की प्रसिद्ध फूल
होली पर श्रद्धालु ने भरपूर आनंद लिया तथा नृत्य किया।अनेक संतों की मौजूदगी में यज्ञ की पूर्णाहुति दी गई। बुधवार को आश्रम के
पीठाधीश्वर महंत निश्चलनाथ की चादरपोशी की रस्म अदा की गयी तथा नाथ
संप्रदाय के 32 धूणी अखाड़े का आयोजन हुआ । नगर के धर्म परायण श्रद्धालुओं ने यज्ञ में भाग लिया।
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