इराक के अलग-अलग हिस्सों में फंसे शेखावाटी के लोग अपने परिवारों को आर्थिक
तंगी से उबारने के मकसद से वहां गए थे। लेकिन, अब खुद फंस गए हैं। फतेहपुर क्षेत्र के
भागीरथ सिंह के बड़े भाई हरलाल सिंह के मुताबिक भागीरथ
पहले ट्रक चलाता था। कमाई कम और परिवार की आर्थिक कमजोरी के कारण किरकुक
की अल रबाबी कंपनी का रूख किया। इसके लिए एक लाख 10 हजार रुपए का कर्जा
लिया था। तीन दिन से संपर्क कटने के बाद तो भागीरथ की चिंता और कर्ज चुकाने
की फिक्र ने परिवार को संकट में डाल दिया है। यह वाकया कोई एक-दो परिवारों का नहीं। बल्कि
शेखावाटी में ऐसे लोगों की संख्या कम से कम 1500 है।
इराक के किरकुक में फंसे 21 लोगों के परिवारों ने सोमवार को कलेक्टर के सामने फरियाद की। उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द हमारे अपनों को वापस लाया जाए। इन लोगों ने कलेक्टर के अलावा सांसद सुमेधानंद सरस्वती और जिला प्रमुख रीटा सिंह से भी मुलाकात की और वहां फंसे उनके लोगों को निकालने की मांग की। जिला प्रशासन ने 61 लोगों की सूचना जयपुर और विदेश मंत्रालय को भेजी है। कलेक्टर एसएस
सोहता ने बताया कि सोमवार को करीब 25 लोगों की सूचना मिली थी। इन्हें वापस
लाने और हर तरह की मदद के लिए लगातार राज्य सरकार से बातचीत हो रही है। यदि
अभी कोई व्यक्ति ईराक में फंसा हुआ है तो परिवार जिला प्रशासन को सूचना दे
सकता है।
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