मन में आस्था और जुबा पर बाबा श्याम का नाम लिए खाटू नगरी में चारों तरफ भक्तों का रैला उमड़ रहा है। हर कोई श्याम दर्शन को बेताब है। हंसते-गाते और भक्ति में मग्न होकर श्रद्धालुओं का रात्रि जागरण हर
किसी में जोश भरता है। ना आंखों में नींद और ना थकावट। शाम होते ही
श्रद्धालुओं का आना शुरू होता है और रात 12 बजे तक श्रद्धा का सैलाब उमड़
पड़ता है। वहीं श्याम भक्तों की सेवा में जुटे कार्यकर्ता भी पूरी रात
सेवा-चाकरी में काटते हैं। श्रद्धा और भक्ति इतनी है कि 13 किलोमीटर लम्बी कतार में पांच से छह घंटे तक पैदल चलने के बाद भी श्याम भक्तो के चेहरे पर थकान की एक झलक नजर नहीं आती ।
एकादशी के दिन बाबा श्याम को हैदराबाद से मंगवाए गए रूह गुलाब के इत्र से
स्नान करवाया गया। बाद में कोलकाता से मंगवाए गए विशेष प्रकार के गुलाबी
रंग के फूलों से बाबा श्याम का दरबार सजाया गया। हीरे-जवारात से जड़ी विशेष
पोशाक पहना कर बाबा श्याम की प्रतिमा का श्रृंगार किया गया। द्वादशी के दिन बाबा श्याम की जोत जलाकर बाबा को खीर व चूरमे व सवामणी का भोग लगाया गया । पांच दिवसीय मेले के दौरान 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन कर मनौती मांगी। अब सुदूर प्रदेशों से आए हुए प्रवासी लोग ही यहां बचे हैं, जो धुलंडी पर बाबा के साथ होली खेलकर जाएंगे। अब सुदूर प्रदेशों से आए हुए प्रवासी लोग ही यहां बचे हैं, जो धुलंडी पर बाबा के साथ होली खेलकर जाएंगे।
No comments:
Post a Comment