मोहर्रमकी मेहंदी की रस्म के साथ
शनिवार को मुस्लिम घरों में पकवान पकाकर फातिहा पढ़ी गई। वहीं मस्जिद
मोहल्लों में जंगनामे पढ़ने का दौर जारी रहा। देर रात तक मातमी धुन के साथ
ढोल ताशे बजाने का सिलसिला भी चलता रहा। अलमसद्दों का जुलूस शनिवार को पीर के रोजा से पीर अमजद अली की
सदारत में निकाला गया। जुलूस लुहारों के मोहल्ले, पुराना सिनेमा हॉल,
बावड़ी गेट, रोडवेज बस स्टैंड, आशाराम मंदिर, सीकरिया चौरास्ताआदि स्थानों
से होकर कर्बला पहुंचा। कौमी एकता चौक में जुलूस की सदारत कर रहे पीर अमजद
अली का कौमी एकता मंच ने स्वागत
किया।
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