धन के देवता कुबेर और महालक्ष्मी को घर लाने के लिए बुधवार को पूरा बाजार चमका और खुशियों के त्योहार दीपोत्सव की शुरुआत के साथ स्वास्थ्य के प्रतीक भगवान धन्वंतरि दिवस, यानि धनतेरस पर पूरा शहर जश्न के माहौल में डूबा रहा। 14 साल बाद आए बुधवार और धनतेरस के शुभ संयोग पर खरीदारी में लोग पीछे नहीं रहे। खरीदारों से बाजार देर रात तक अटे रहे और देर रात तक रोशनी जगमगाती रही। बुधवार होने की वजह से लोगों ने गणोश भगवान की पूजा-अर्चना कर खरीदारी की और व्यापारियों ने नए व्यापार की शुरुआत की।
बुधवार और धनतेरस का ऐसा संयोग अब 30 अक्टूबर 2024 में आएगा। शाम को घरों में यम दीया जलाकर सुख-समृद्धि की कामना की गई। वैसे तो धनतेरस पर बर्तन खरीदने का रिवाज रहा है, लेकिन शुभ मुहूर्त में नई कार, बाइक और स्कूटी के अलावा फ्रिज, एलसीडी, होम थिएटर, वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव ओवन, लैपटॉप, कैमरा, मोबाइल खरीदने वालों की भी बाजार में जबरदस्त भीड़ उमड़ी। वहीं सोने-चांदी के ज्वैलरी और सिक्के खरीदने वाले भी बाजार में जुटे
सज-धजकर महिलाओं व युवतियों ने तिल का तेल युक्त दीपक जला गंध, पुष्प व अक्षत से पूजन कर दक्षिण में मुख करके यम से प्रार्थना की। इस दौरान बच्चों व बड़ों ने फुलझडियां व पटाखे भी छुड़ाए। सड़कों पर वाहनों की भीड़ के बीच यातायात कई बार बाधित हुआ। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में शाम को तेरह दीपक जलाकर कुबेर की पूजा की गई। देवालयों में प्रभु के समक्ष दीपक जला परिवार की खुशहाली की कामना की।
आपको दीपवाली की हार्दिक शुभकानाएं....
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