दीपावली से पहले मावे में लगातार हो रही मिलावट को देखते हुए लोगों ने मावा निर्मित मिठाइयों से तौबा कर ली है। अब मावे की बर्फी के खरीददार न के बराबर रह गए हैं। उल्लेखनीय है कि दीपावली से पखवारे भर पहले बाजार में मावे के दाम आसमान पर पहुंच जाते है। इस साल भी कुछ वैसे ही चल रहा था, लेकिन तीन चार दिनों से लगातार विभिन्न स्थानों पर नकली मावे बरामद किए गए है। इस खुलासे के बाद लोगों ने मावा निर्मित मिठाईयों से तौबा कर ली है। यही वजह है कि जहां बीते साल दीपावली तक मावा करीब दो सौ रूपए प्रति किलो तक बिका था वहीं इस साल धनतेरस के एक दिन पहले तक मावा 120 से 130 रूपए प्रतिकिलो बिक रहा है। जबकि दो माह पहले मावे के दाम 140 रूपए से 160 रूपए प्रतिकिलो थे। वहीं, बेसन से बनी मिठाईयों की मांग बाजार में बढ़ती जा रही है और डूंगरगढ़ व बीकानेर से आने वाले मावे की मांग नाम मात्र की हो गयी है | गौर तलब है क़ि स्वास्थ्य एवं खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की कार्रवाई ने दीपावली के ठीक पहले समूचे प्रदेश में अनेक स्थानों पर बड़ी तादाद में नकली मावा पकड़ा है। इसी के साथ कई स्थानों पर महीनों पुराना, सड़ा हुआ मावा भी जब्त किया गया है। इस वजह से धनतेरस के नजदीक आने के बाद भी बाजार में मावे की मांग नहीं बनी है।
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