बेसवाका
पशु चिकित्सालय दो माह से बंद है। इससे आसपास के पशुपालकों को परेशानी का
सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि 29 नवंबर को यहां से डॉ. सुधीर
नूनिया का तबादला हो गया, तभी से यह अस्पताल बंद है। इससे बेसवा, नबीपुरा,
भींचरी, भगासरा, कांगनसर सहित एक दर्जन गांवों के लोगों को परेशानी हो रही
है। पशुओं के इलाज के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है। अस्पताले बंद होने से
पशुपालकों को निशुल्क पशु चिकित्सा, दवा, बीमा आदि योजनाओं का लाभ नहीं
मिल रहा है। लोगों ने कई बार मांग की, लेकिन समाधान नहीं हुआ।
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