फतेहपुर की ढाई साल की जुमाना का आपरेशन देशके मेडिकल इतिहास में अपनेआप में अनोखा था । जुमाना का आपरेशन देश का पहला ऐसा मामला है जिसमे दूसरे ब्लड ग्रुप में लीवर ट्रांसप्लांट किया गया है ।
ऑपरेशन
के बाद घर लौटी ढाई साल की जुआना की मुस्कुराहट और शरारतों से पूरा परिवार
फिर से जी उठा है। वो खेलते-खेलते कभी पिता का हाथ पकड़ लेती है तो कभी
भागकर मां की गोद में चढ़ जाती है। जुआना के पिता इरशाद ने बताया कि जन्म
के बाद जुआना पहली बार इतनी तन्मयता से बच्चों के साथ खेल रही है। वरना
पहले तो उसे ज्यादातर बिस्तर पर ही रहना पड़ता था। काबिलेगौर है कि छह माह
से कोमा में जिंदगी से जूझ रही ढाई साल की मासूम जुआना को बचाने के लिए
उसकी नानी ने अपने लीवर का हिस्सा दिया था। ब्लड ग्रुप अलग होने के कारण
गुडग़ांव के मेदांता अस्पताल के डाक्टरों ने भी देश में पहली बार मिसमेच
ब्लड ग्रुप में लीवर पार्ट ट्रांसप्लांट किया। जुआना के ऑपरेशन पर करीब 27
लाख रुपए खर्च हुए।
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