धानुका
राजकीय अस्पताल में 50 लाख रुपए की लागत से बना नवनिर्मित ट्रोमा सेंटर पर
ताला लग गया। जिला प्रभारी एवं चिकित्सा मंत्री दुर्रू मियां तथा विधायक
भवरूं खां द्वारा चार अप्रैल को ही ट्रोमा सेंटर का उद्घाटन किया था। लेकिन
अभी तक स्टाफ की नियुक्ति नहीं हुई है। जिसके कारण ट्रोमा सेंटर बंद है।
अभी भी आपातकालीन सेवा 108 या अन्य साधनों से दुर्घटना में घायलों को
ट्रोमा सेंटर में नहीं लाया जा सकता। क्योंकि ट्रोमा सेंटर का रैम्प बेहद
खतरनाक ठंग से बनाया है,जिस पर स्ट्रेचर से मरीज को नहीं लाया जा सकता है।
दोनों पीडब्ल्यूडी एवं चिकित्सा विभागों में आपसी सामंजस्य की कमी से एवं
ट्रोमा यूनिट में आवश्यक मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण नवनिर्मित ट्रोमा
सेंटर उपयुक्त उपयोग नहीं हो रहा है।
ब्लाक सीएमएचओ डा. निर्मल सिंह के अनुसार ट्रोमा सेंटर का रैंप बेहद खतरनाक है। इसे ठीक करवाने के बाद इसे काम में लिया जाएगा। गुरुवार से इसे आउटडोर मरीजों को देखने के लिए काम में लिया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी को रैंप ठीक करने के लिए कहा गया है। सीएमएचओ से बात कर इसे शुरू करवाया जाएगा। चिकित्सकों की नियुक्तिके लिए भी जिला प्रभारी डा. दुर्रूमियां से निवेदन किया है।
ब्लाक सीएमएचओ डा. निर्मल सिंह के अनुसार ट्रोमा सेंटर का रैंप बेहद खतरनाक है। इसे ठीक करवाने के बाद इसे काम में लिया जाएगा। गुरुवार से इसे आउटडोर मरीजों को देखने के लिए काम में लिया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी को रैंप ठीक करने के लिए कहा गया है। सीएमएचओ से बात कर इसे शुरू करवाया जाएगा। चिकित्सकों की नियुक्तिके लिए भी जिला प्रभारी डा. दुर्रूमियां से निवेदन किया है।
Dear All,
ReplyDeleteSorry to say but don't call the new unit as a trauma center. Neither it has the basic facility to teat a simple trauma patients nor it has the equipments. It will be the same old story if any accident patients will approach their.... sorry you have to take him/her to Sikar ...... with so many excuses and reason.