दुर्घटना में घायल हुए दो लोग उपचार के लिए धानुका अस्पताल में पौन घंटे तक तड़पते रहे, लेकिन ड्यूटी डॉक्टर समेत कोई नहीं पहुंचा। एक घायल की मौत होने पर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। सूचना पाकर पौन घंटे बाद अन्य डॉक्टरों ने अस्पताल पहुंचकर दूसरे घायल का उपचार शुरू किया। हंगामा बढ़ता देखकर तहसीलदार भी मौके पर पहुंच गए। अस्पताल में इतना सबकुछ होने के बावजूद डेढ़ घंटे बाद पहुंची चिकित्सा प्रभारी का मृतक व घायल के परिजनों और ग्रामीणों ने घेराव कर दिया। चिकित्सा प्रभारी और ड्यूटी डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे ग्रामीणों को रात करीब 11 बजे तहसीलदार ने एक्शन लेने का आश्वासन देकर घर भेजा। पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार शाम को करीब साढ़े सात बजे बेसवा रोड पर बाली की ढाणी के पास दो मोटर साइकिल की आमने-सामने की टक्कर में गारिंडा निवासी प्रेमचंद (46) पुत्र दानाराम जाट और जलालसर गांव निवासी मामराज (22) घायल हो गए।रात करीब आठ बजे दोनों घायलों को निजी वाहन से स्थानीय अस्पताल लाया गया, लेकिन ड्यूटी डाक्टर राजेश शर्मा नदारद मिले।इसी दौरान पुलिस भी अस्पताल पहुंच गई।परिजनों का आरोप है कि घायलों की हालत देखते हुए ड्यूटी डाक्टर को कई बार बुलाया गया, लेकिन वे नहीं आए। पौन घंटे तक घायल डाक्टर के इंतजार में तड़पते रहे।रात करीब 8:45 बजे डा.दिलीप कुलहरि और डाक्टर संजीव पूनिया अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक प्रेमचंद की मौत हो चुकी थी।डाक्टर के इंतजार में घायल की मौत होने पर परिजन और अस्पताल में एकत्रित हुए ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया।जानकारी पाकर तहसीलदार सज्जन सिंह शेखावत अस्पताल पहुंच गए।ड्यूटी रजिस्टर में डाक्टर राजेश शर्मा के अनुपस्थित पाए जाने पर रिमार्क लगा दिया।आक्रोशित परिजनों को तहसीलदार ने समझाना चाहा, लेकिन वे चिकित्सा प्रभारी को एपीओ और ड्यूटी डाक्टर को निलंबित करने की मांग पर अड़े रहे।इतना हंगामा होने के बावजूद रात करीब साढ़े नौ बजे अस्पताल प्रभारी डा.निर्मला खीचड़ अस्पताल पहुंची। इस पर आक्रोशित सुरेन्द्र डारा, कमलेश, ओमप्रकाश, जगदीश समेत बड़ी संख्या में इक_ा हुए ग्रामीणों ने अस्पताल प्रभारी का घेराव कर लिया और खरीखोटी सुनाई। दोनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर शव उठाने से इनकार करने की ग्रामीणों की चेतावनी पर तहसीलदार ने परिजनों को एक्शन लेने का आश्वासन देकर रात करीब 11 बजे घर भेज दिया।
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