बहु चर्चित दोजांटी बालाजी मंदिर चोरी प्रकरण के गुनहगार पुलिस की गिरफ्त में आ गए हैं । प्रकरण के खुलासे में मंदिर के प्रबंधक की
बेटी मोनू शर्मा का भी इस वारदात के खुलासे में अहम योगदान रहा। जिस दिन
वारदात हुई उसके बाद से वह रोज पुलिस अधिकारियों के पास आती और टीम की मदद
करती। आईटी एक्सपर्ट होने के कारण कॉल डिटेल एनालिसिस करती और पुलिस के
बताए अनुसार आरोपियों के स्क्रैच भी बनाती। बलराम, हाकम और समद के खिलाफ कई जिलों में चोरी के मुकदमे दर्ज हैं।
फिलहाल इन्होंने जयपुर में ठिकाना बना रखा था। जेल में इनकी मुलाकात जयपुर
के उत्तम सरदार से हुई थी। जिसका हसनपुरा इलाके में रॉयल प्लाजा के नाम से
होटल है। वहां ये लोग वेश्यावृति गिरोह में भी लिप्त थे। वहां हरियाणा का
दीपक भी आता था। जो झुंझुनूं में हत्या के मामले में भी शामिल रहा है। वहीं
पर दीपक की इनसे दोस्ती हो गई। दो जांटी बालाजी मंदिर की रैकी हाकम ने कई
दिनों तक की थी और पहले पूरा प्लान तैयार किया था कि वारदात को कैसे अंजाम
देना है। 15 फरवरी की रात को बलराम और दीपक जयपुर से कार लेकर चले।
इन्होंने छोटी खाटू से हाकम समद को साथ लिया और फतेहपुर गए। यहां दीपक को
बाहर गाड़ी में छोड़ दिया और तीनों अंदर चले गए। दीपक पीछे की तरफ कार लेकर
खड़ा रहा उसे इन्होंने यह भी नहीं बताया था कि मंदिर में वारदात करनी है।
उसे हवेली बताई थी।
सीसीटीवीफुटेज में हालांकि बदमाशों ने नकाब बांध रखे थे लेकिन उसके बाद भी फुटेज सुराग जुटाने में सहायक बने। पहले दिन से ही यह माना जा रहा था कि वारदात किसी बड़े ने की है। बॉडी एक्सपोजर के आधार पर ये फुटेज प्रदेश पड़ोसी राज्यों के थानों में भेजे गए। जेल में बंद आदतन चोरों को भी फुटेज दिखाए गए। जेल से पुलिस को जानकारी मिली कि फुटेज में हाकिम हो सकता है। हाकिम, समद और बलराम 2010 में भी फतेहपुर में चोरी के मामले में पकड़े जा चुके थे। ये काफी समय से हाईकोर्ट से जमानत पर थे। पुलिस के पास इनका वर्तमान का कोई ठिकाना नहीं था और ही मोबाइल नंबर। जेल से बलराम के नए नंबर भी मिले।
सीसीटीवीफुटेज में हालांकि बदमाशों ने नकाब बांध रखे थे लेकिन उसके बाद भी फुटेज सुराग जुटाने में सहायक बने। पहले दिन से ही यह माना जा रहा था कि वारदात किसी बड़े ने की है। बॉडी एक्सपोजर के आधार पर ये फुटेज प्रदेश पड़ोसी राज्यों के थानों में भेजे गए। जेल में बंद आदतन चोरों को भी फुटेज दिखाए गए। जेल से पुलिस को जानकारी मिली कि फुटेज में हाकिम हो सकता है। हाकिम, समद और बलराम 2010 में भी फतेहपुर में चोरी के मामले में पकड़े जा चुके थे। ये काफी समय से हाईकोर्ट से जमानत पर थे। पुलिस के पास इनका वर्तमान का कोई ठिकाना नहीं था और ही मोबाइल नंबर। जेल से बलराम के नए नंबर भी मिले।
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