फसलों को बचाने के लिए नवलगढ़, लक्ष्मणगढ़, चूरू, मानासी सहित आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण हर दिन आवारा सांडों को फतेहपुर बीहड़ में छोड़कर जा रहे हैं। बीहड़ में चरने के बाद ये सांड शहर में आना शुरू हो गए हैं। धानुका अस्पताल, रोडवेज बस स्टैंड, बावड़ी गेट, सब्जी मंडी आदि स्थानों पर सांडों की समस्या ज्यादा है। बुधगिरीजी की मढी, पिंजरापोल, पेट्रोलपंप तिराहे के पास काफी संख्या में सांडों के कारण यातायात भी बाधित होता है। इस संबंध में नगरपालिका चेयरमैन मधुसूदन भिंडा का कहना है कि आवारा सांडों को शीघ्र ही बीहड़ में छोड़ा जाएगा। आवारा पशुओं को पकडऩे के लिए निविदा दी हुई है।
Saturday, August 31, 2013
आवारा पशु बने जी का जंजाल
फसलों को बचाने के लिए नवलगढ़, लक्ष्मणगढ़, चूरू, मानासी सहित आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण हर दिन आवारा सांडों को फतेहपुर बीहड़ में छोड़कर जा रहे हैं। बीहड़ में चरने के बाद ये सांड शहर में आना शुरू हो गए हैं। धानुका अस्पताल, रोडवेज बस स्टैंड, बावड़ी गेट, सब्जी मंडी आदि स्थानों पर सांडों की समस्या ज्यादा है। बुधगिरीजी की मढी, पिंजरापोल, पेट्रोलपंप तिराहे के पास काफी संख्या में सांडों के कारण यातायात भी बाधित होता है। इस संबंध में नगरपालिका चेयरमैन मधुसूदन भिंडा का कहना है कि आवारा सांडों को शीघ्र ही बीहड़ में छोड़ा जाएगा। आवारा पशुओं को पकडऩे के लिए निविदा दी हुई है।
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