आज नगर के आराध्य देव श्री लक्ष्मीनाथ के मंदिर में भगवान श्री लक्ष्मीनाथ जी महाराज का स्थापना दिवस मनाया जाएगा । आज नगर के इस
आराध्य देव का ४८३ वाँ प्रवेश वर्ष महोत्सव नगरवासी श्रद्धा के साथ सम्पूर्ण भाव से मना रहे है। आज भगवान के भव्य श्रृगांर के दिव्य दर्शन
होगे। फतेहपुर के आस - पास का सम्पूर्ण क्षेत्र भगवान की चमत्कारी लीलाओ का गुणवान करते हुए प्रतिदिन दर्शन कर अपने आप को धन्य समझता है।
प्राचीन काल मे शेखावाटी क्षेत्र पवित्र एंव धार्मिक स्थल था।यह प्रदेश आर्र्यावर्त मे ब्रहमावर्त के नाम से प्रसिद्ध था। मुस्लिम काल मे क्षेत्र बागड के नाम से एव संवत १७८८ (सन् १७३१) से शेखावतों का इस क्षेत्र पर अधिकार होने से शेखावाटी कहा जाने लगा।फतेहपुर नगर की चारो दिशाओ मे सन्तो,फकीरो के आराधना स्थल स्थित है । पूर्व मे श्री गंगानाथ जी, उतर मे श्री अमृतनाथ जी, पश्चिम मे श्री चिस्ती दरगाह , दक्षिण मे श्री बुधगिरी जी एवं नगर के मध्य जन-जन के आराध्यदेव भगवान श्री लक्ष्मीनाथ जी महाराज विराजमान है।
आज जन-जन के आराध्य भगवान श्री लक्ष्मीनाथ जी महाराज के ४८३ वे आगमन महोत्सव पर आज विशेष आयोजन पर नानी बाई का मायरा,भगवान का श्रगांर दर्शन व आरती तथा मंदिर प्रागण मे रात्रि को स्थानीय ·कलाकारो द्धारा भजनों की प्रस्तुति दी जायेगी ।
प्राचीन काल मे शेखावाटी क्षेत्र पवित्र एंव धार्मिक स्थल था।यह प्रदेश आर्र्यावर्त मे ब्रहमावर्त के नाम से प्रसिद्ध था। मुस्लिम काल मे क्षेत्र बागड के नाम से एव संवत १७८८ (सन् १७३१) से शेखावतों का इस क्षेत्र पर अधिकार होने से शेखावाटी कहा जाने लगा।फतेहपुर नगर की चारो दिशाओ मे सन्तो,फकीरो के आराधना स्थल स्थित है । पूर्व मे श्री गंगानाथ जी, उतर मे श्री अमृतनाथ जी, पश्चिम मे श्री चिस्ती दरगाह , दक्षिण मे श्री बुधगिरी जी एवं नगर के मध्य जन-जन के आराध्यदेव भगवान श्री लक्ष्मीनाथ जी महाराज विराजमान है।
आज जन-जन के आराध्य भगवान श्री लक्ष्मीनाथ जी महाराज के ४८३ वे आगमन महोत्सव पर आज विशेष आयोजन पर नानी बाई का मायरा,भगवान का श्रगांर दर्शन व आरती तथा मंदिर प्रागण मे रात्रि को स्थानीय ·कलाकारो द्धारा भजनों की प्रस्तुति दी जायेगी ।