धानुका राजकीय अस्पताल में मुफ्त मिल रही दवाइयों का इतना भारी टोटा है की सामान्य सर्दी जुकाम में काम आने वाली दवा पेरासिटामोल भी उपलब्ध नहीं है , तिस पर डाक्टरों की कमी कोढ़ में खाज का काम कर रही है | इसी कारण मंगलवार को दवा और डाक्टर दोनों ही न मिलने से झल्लाए मरीजों ने मंगलवार को अस्पताल में हंगामा खडा कर दिया | जन प्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद उपखंड अधिकारी फ़तेह मोहम्मद खान को आकर व्यवस्थाओं का जायजा लेना पडा | मंगलवार सुबह अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ, अस्थि रोग व दो स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं थे | रोगियों ने चिकित्सक अनुपस्थित होने के बाद भी भी पर्ची काटकर रुपये लेने पर विरोध जताया, इसके अतिरिक्त नवजात शिशुओं के लिए माकूल व्यवस्था की अनुपलब्धता व दवाइयों की कमी के कारण भी मरीजों व उनके परिजनों में रोष व्याप्त था| इसी बीच जन प्रतिनिधियों ने अस्पताल परिसर में पहुँच कर जब बीच बचाव करने की कोशिश की तो अस्पताल अधीक्षक डा निर्मला खीचड़ से उनकी भी तकरार हो गयी | तत्पश्चात एस डी एम फ़तेह मोहम्मद को आकर स्थिति संभालनी पडी | खीचड़ ने बताया के अस्पताल में दवाइयों की कमी के बारे में आला अधिकारियों को सूचित कर दिया गया था लेकिन दवा ना आने की वजह से मरीजों को दवा वितरण नहीं हो सका| उपखंड अधिकारी खान ने सी एम एच ओ से मोबाइल पर बात की और उन्हें दवा भिजवाने के लिए कहा साथ ही साथ अस्पताल प्रशासन को भी दवा खरीदने के लिए निर्देश दिए |
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